भारतीय संस्कृति और प्राचीन भारतीय साहित्य में आकाशवाणी का अर्थ है- "वह शब्द या वाक्य जो आकाश से देवता लोग बोलें" अर्थात् देववाणी । उदाहरण के लिए जब कंस अपनी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ करके उसे ससुराल पहुँचाने जा रहा था तो आकाशवाणी हुई थी कि 'हे कंस! जिस बहन को इतने प्यार से ससुराल पहुँचाने जा रहा है, उसी की आठवीं सन्तान से तुम मारा जाएगा' ।

जब रेडियो प्रसारण का युग आया तब १९३६ में सबसे पहले एम वी गोपालस्वामी ने रेडियो से प्राप्त ध्वनि के लिए 'आकाशवाणी' शब्द का उपयोग किया था। उन्होने अपने घर 'वित्तल विहार' में ही एक भारत का प्रथम निजी रेडियो स्टेशन स्थापित कर लिया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात १९५६ में भारत के सार्वजनिक रेडियो प्रसरणकर्ता 'आल इंडिया रेडियो' ने अपने प्रसरण का नाम 'आकाशवाणी' रख लिया। अनुभव किया गया था कि 'आकाशवाणी' शब्द भारतीय रेडियो प्रसारण सेवा के लिए अत्यन्त उपयुक्त शब्द है।