आकृतिविद्या
आकृतिविद्या (Physiognomy / फ़िज़िआनॉमी) एक असत् विद्या है जिसमें शरीर और उसके विभिन्न अंगों की बनावट तथा उनकी ज्ञापक मुद्राओं एवं चेष्टाओं, विशेषरूप से चेहरे की आकृति तथ अभिव्यक्ति को आधार बनाकर व्यक्ति की संवेगात्मक और अन्य मानसिक दशाओं की व्याख्या एवं विश्लेषण किया जाता है। प्रसिद्ध जर्मन शरीर-रचना-विज्ञानी फ्रांज जोसेफ गाल (१७५८-१८२८) ने १७९६ ई. में इस विद्या को व्यवस्थित रूप प्रदान किया। सामान्यत: मुखाकृति के आधार पर व्यक्ति की मानसिक दशाओं का उद्घाटन ही इस विद्या का अभिप्रेत माना जाता है। कुछ लोग कपाल विद्या (फ्रेनॉलॉजी) को आकृतिविद्या का पर्याय बताते हैं किंतु आस्ट्रियन शरीर-रचना-विज्ञानी जोहान्न कैस्पर स्परज्हीम (१७७६-१८३२) ने गाल के 'करोटि विज्ञान' (क्रेनियालांजी) को 'कपालविद्या' (फ्रेनॉलॉजी) संज्ञा दी थी।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- "Ugly Criminals", H. Naci Mocan and Erdal Tekin, December 2005
- A rounder face 'means men are more aggressive'
- Selected images from: Porta, Giambattista della: De humana physiognomonia libri IIII (Vico Equense, 1586). Historical Anatomies on the Web. National Library of Medicine.
- How your looks betray your personality
- Women's traits 'written on face' (BBC News Wednesday, 11 फ़रवरी 2009)
- "On Physiognomy" - An Essay by Arthur Schopenhauer
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