हरियाणा के जनपद फरीदाबाद एवं गुड़गॉव, उ0प्र0 के मथुरा एवं आगरा जनपदों तथा राजस्‍थान के भरतपुर जिले में सुरक्षात्‍मक सिंचाई पदान करने हेतु यमुना नदी पर ओखला (दिल्‍ली) के पास एक वियर का निर्माण कर इसके दाहिने तट से आगरा नहर प्रणाली का निर्माण वर्ष 1874 में किया गया था। आगरा नहर का पुनरोद्वार वर्ष 1955-57 के बीच किया गया तथा इका शीर्ष निस्‍सार 3237 क्‍यूसेक कर दिसा गया, लेकिन आगरा नहर की शुरू की लगभग 19 कि0मी0 टुकड़ी में कार्य न पूरा हो पाने के कारण यह नहर 2100 क्‍यूसेक से अधिक पानी लेने में सक्षम नहीं हो सकी।

यह उत्तर प्रदेश की प्रमुख नहर हैं।

नहर को अपना पानी नई दिल्ली के दक्षिण में लगभग 10 किलोमीटर (6.2 मील) दूर ओखला में यमुना नदी से मिलता है । यमुना के पार बांध का निर्माण स्थानीय रूप से उत्खनित पत्थरों से किया गया था। [1] यह लगभग 800 गज (730 मीटर) लंबा था, और नदी के ग्रीष्मकालीन स्तर से सात फीट ऊपर था।

ओखला से नहर खारी-नदी और यमुना के बीच की ऊंची भूमि में 140 मील (230 किमी) तक दक्षिण और फिर दक्षिण-पूर्व में एक मार्ग का अनुसरण करती है और अंत में आगरा से लगभग 27 मील (43 किमी) नीचे उटंगा नदी में मिल जाती है। [1] नौगम्य शाखाएं नहर को मथुरा और आगरा से जोड़ती हैं । [3] यह नहर उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा , हरियाणा के फरीदाबाद , राजस्थान के भरतपुर और दिल्ली के कुछ हिस्सों में लगभग 150,000 हेक्टेयर (370,000 एकड़) भूमि की सिंचाई करती है ।

स्रोत स्थल

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== लम्बाई (मीटर में) ==1600 KM

नदी परियोजना

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सिंचाई उपलब्धता

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