आचार्य पुष्पदंत (1 शताब्दी CE) एक दिगम्बर साधु थे। उन्होंने और आचार्य भूतबलि ने जैन धर्म के सबसे पवित्र ग्रन्थ, षट्खण्डागम की रचना की थी।[1]

आचार्य पुष्पदंत जी की प्रतिमा
  1. शास्त्री 2007, पृ॰ १८६.

सन्दर्भ सूची

संपादित करें
  • शास्त्री, प. कैलाशचन्द्र (2007), जैन धर्म, आचार्य शंतिसागर 'छाणी' स्मृति ग्रन्थमाला, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-902683-8-4