बलदेव उपाध्याय
आचार्य बलदेव उपाध्याय (१० अक्टूबर १८९९ - १० अगस्त १९९९) हिन्दी और संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान, साहित्येतिहासकार, निबन्धकार तथा समालोचक थे। उन्होने अनेकों ग्रन्थों की रचना की, निबन्धों का संग्रह प्रकाशित किया तथा संस्कृत वाङ्मय का इतिहास लिखा। वे संस्कृत साहित्य की हिन्दी में चर्चा के लिए जाने जाते हैं। उनके पूर्व संस्कृत साहित्य से सम्बन्धित अधिकांश पुस्तकें संस्कृत में हैं या अंग्रेजी में।
आचार्य बलदेव उपाध्याय को भारत सरकार द्वारा सन १९८४ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
जीवन परिचय
संपादित करेंआचार्य जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सोनबरसा गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम राम सूचित उपाध्याय था जो भागवत पुराण के विद्वान थे। उनकी माता का नाम मूर्ति देवी था। बलदेव जी की आरम्भिक शिक्षा शासकीय हाई स्कूल बलिया में हुई, केवल १९११-१२ में वे बनारस के बंगाली टोला इण्टर कालेज में ६ठी कक्षा में पढ़े। उन्होने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से १९२२ में बी ए किया। बनारस के संस्कृत कालेज से साहित्याचार्य किया। उसी वर्ष उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग में व्याख्याता के रूप में नियुक्त किया गया। ३८ वर्षों तक संस्थान की सेवा करने के बाद वह 1960 में विभाग के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। 1968 में उन्हें फिर से संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में अनुसंधान संस्थान के निदेशक और प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
जब वे अनुसंधान संस्थान के निदेशक थे, तब वे सरस्वती भवन ग्रंथमाला और संस्कृत पत्रिका सरस्वती सुषमा के मुख्य संपादक थे। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना कीं जो मौलिक अध्ययन का परिणाम हैं और सम्मानित क्षेत्रों में प्रामाणिक हैं। उन्होंने लगभग 25 पुस्तकों का संपादन भी किया।
कृतियाँ
संपादित करेंक्रमांक | ग्रन्थ का नाम | प्रकाशक | वर्ष |
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1. | रसिक गोविन्द और उनकी कविता | हिन्दी नागरी प्रचारिणी सभा बलिया | 1926 |
2. | सूक्ति मुक्तावली | हरिदास कम्पनी, मथुरा | 1932 |
3. | संस्कृत कवि चर्चा | मास्टर खेदीलाल, वाराणसी | 1932 |
4. | भारतीय दर्शन | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1942 |
5. | संस्कृत साहित्य का इतिहास | शारदा मंदिर वाराणसी | 1944 |
6. | धर्म और दर्शन | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1945 |
7. | संस्कृत वाङ्मय | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1945 |
8. | वैदिक कहानियाँ | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1946 |
9. | बौद्ध दर्शन मीमांसा | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1946 |
10. | आर्य संस्कृति के मूलाधार | शारदा मंदिर, वाराणसी | 1947 |
11. | भारतीय साहित्य शास्त्र | प्रसाद परिषद, वाराणसी | 1948 |
12. | भागवद् सम्प्रदाय | नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी | 1954 |
13. | वैदिक साहित्य और संस्कृति | शारदा संस्थान, वाराणसी | 1955 |
14. | संस्कृत आलोचना | उ प्र संस्कृत सम्स्थान, लखनऊ | 1956 |
15. | काव्यानुशीलन | रमेश बुक डिपॉट, जयपुर | 1956 |
16. | भारतीय वाङ्मय में श्री राधा | बिहार राजभाषा परिषद, पटना | 1963 |
17. | संस्कृत सुकवि समीक्षा | चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी | 1963 |
18. | पुराण विमर्श | चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी | 1965 |
19. | संस्कृत शास्त्रों का इतिहास | चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी | 1969 |
20. | भारतीय धर्म और दर्शन | चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी | 1977 |
21. | संस्कृत साहित्य का संक्षिप्त इतिहास | शारदा सम्स्थान, वाराणसी | 1978 |
22. | काशी की पाण्डित्य परम्परा | शारदा संस्थान, वाराणसी | 1985 |
23. | भारतीय धर्म और दर्शन का अनुशीलन | शारदा संस्थान, वाराणसी | 1985 |
24. | विमर्शचिन्तामणिः | शारदा संस्थान, वाराणसी | 1987 |
पुरस्कार एवं सम्मान
संपादित करें- मंगला प्रसाद पारितोषिक, 1942
- डालमिया पुरस्कार, 1946
- श्रवण-नाथ पुरस्कार
- साहित्य वारिधि, प्रयाग, 1972
- डी.लिट., 1977
- सम्मान प्रमाणपत्र, 1968 में भारत के राष्ट्रपति जाकिर हुसैन द्वारा प्रदान किया गया।
- कालिदास साहित्यरत्न, उज्जैन, 1982
- विश्व संस्कृत भारती पुरस्कार, उ०प्र० संस्कृत अकादमी, 1983
- 1984 में भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित
- उमास्वामी पुरस्कार, कुंद कुंद भारती धर्मार्थ ट्रस्ट, नई दिल्ली, 1994
- महामहोपाध्याय, 1997
- रामकृष्ण डालमिया श्री वाणी पुरस्कार, रामकृष्ण डालमिया ट्रस्ट, नई दिल्ली
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- आचार्य बलदेव उपाध्याय कृत संस्कृत साहित्य का इतिहास
- भारतीय दर्शन (आचार्य बलदेव उपाध्याय)
- वैदिक साहित्य और संस्कृति