आत्मज्ञान मन के भीतर की जागरूपता है। भारतीय दर्शन में इसका प्रतीक शिव, विष्णु अथवा शक्ति हैं। इसका वर्णन बहुत वेद और उपनिषद में मिलता है।
वैदिक परम्परा के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है।