आत्मविश्वास (self-confidence) वस्तुतः एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है।[1] आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यों के सम्पादन में सरलता और सफलता मिलती है। इसी के द्वारा आत्मरक्षा होती है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिन्ता नहीं रहती। उसे कोई चिन्ता नहीं सताती। दूसरे व्यक्ति जिन सन्देहों और शंकाओं से दबे रहते हैं, वह उनसे सदैव मुक्त रहता है। यह प्राणी की आंतरिक भावना है। इसके बिना जीवन में सफल होना अनिश्चित है।[2]

बाहरी कड़ियाँ

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  1. "यह है आत्मविश्वास ‍बढ़ाने की कुंजी". वेबदुनिया. 3 अक्टूबर 2012. मूल से 1 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2015.
  2. "आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 मंत्र". लाइव हिन्दुस्तान. 1 सितम्बर 2011. मूल से 3 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2015.