आत्महत्या निरोध या आत्महत्या की रोकथाम उन सभी उपायों को सामुहिक रूप से कहा जाता है जिनसे कि किसी भी संभावित आत्महत्या को रोका जा सकता है। [1] अधिकांश रूप से आत्महत्या को रोका जा सकता है। [2]

मिशिगन के लेफ़्टनन्ट गवर्नर का एक सन्देश जिसमें वे आत्महत्या के ध्यान करने वालों को जीवन के अमूल्य होने और इसकी व्यापकता पर प्रकाश डाल रहे हैं।

नीदरलैंड के साल्यूसन सेंटर के निदेशक और मनोवैज्ञानिक डॉ.आर्नड ह्यूबर के अनुसार मानसिक रूप से निराश व्यक्ति से हृदय से सकारात्मक संवाद करना चाहिए। उन्हें जीवन को जीने के कारणों का बोध करना चाहिए। इससे उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति दूर होगी। डॉ.ह्यूबर एमडीडीएम कॉलेज के पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से आत्महत्या निरोध परिपेक्ष्य एवं चुनौतियां विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर चुके हैं। उनके अनुसार एक मनोवैज्ञानिक को मरीज की निराशा से ज्यादा उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए।[3] एक सकारात्मक वार्तालाप ही एक निराश/ हताश व्यक्ति को आत्महत्या से रोक सकता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Suicide | Violence Prevention | Injury Center". www.cdc.gov (अंग्रेज़ी में). 3 September 2019. अभिगमन तिथि 3 December 2019.
  2. Preventing Suicide: A Technical Package of Policy, Programs, and Practices (PDF). CDC. 2017. पृ॰ 7. अभिगमन तिथि 3 December 2019.
  3. https://www.jagran.com/bihar/muzaffarpur-dr-arnauds-advice-communicate-positively-with-a-completely-depressed-person-from-the-heart-will-lead-to-suicide-20714544.html