आदिवासी लोक कला अकादमी

आदिवासी लोक कला अकादमी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1980 में स्थापित की गई एक सांस्कृतिक संस्था है, जिसका उद्देश्य आदिवासी कलाओं को प्रोत्साहित, संरक्षण और विकास करना है।[1]

यह सर्वेक्षण करता है, कार्यक्रमों का आयोजन करता है और आदिवासी लोक कलाओं पर ग्रंथों और सामग्रियों को प्रकाशित करता है। यह आदिवासी कला और लोक रंगमंच से जुड़े कई त्योहारों का आयोजन भी करता है, जिनमें से लोक रंग, राम लीला मेला, निमाड़ उत्सव, संपाड़ा और श्रुति समरोह आदि मुख्य हैं।[2] अकादमी ने आदिवासी और लोक कलाओं पर आदिवर्त संग्रहालय और ओरछा में रामायण कला संग्रहालय की स्थापना की है। यह संत तुलसीदास से संबंधित त्योहारों - तुलसी उत्सव, तुलसी जयंती समरोह और मंगलाचरण का भी आयोजन करता है।[3][4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "परम्परा परियोजना | आदिवासी लोक कला अकादमी". www.paramparaproject.org. मूल से 28 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-01-02.
  2. Ltd, Data And Expo India Pvt (2015-05-01). RBS Visitors Guide INDIA - Madhya Pradesh: Madhya Pradesh Travel Guide (अंग्रेज़ी में). Data and Expo India Pvt. Ltd. पृ॰ 19. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789380844800.
  3. "Archived copy". मूल से 2012-11-08 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-10-31.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
  4. "Folk Dances - govt-of-mp-india". www.mp.gov.in. मूल से 14 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-01-02.