आध्यात्मिकतावाद (Spiritualism) यह तत्वमीमांसिक आस्था होती है कि वास्तविकता में दो मूल चीज़ें हैं: भौतिक पदार्थ और अलौकिक आत्माएँ या चेतनाएँ। इसके आधार पर आध्यात्मिकता (spirituality) में विश्वास रखने वाले लोगों में अन्य कई धारणाएँ पाई जाती हैं, जैसे कि मरणोपरांत आत्मा का अस्तित्व में रहना, पूर्वजों की आत्माओं का विश्व में हस्तक्षेप, देवी-देवताओं का अस्तित्व, सर्वात्मवाद (animism, भौतिक वस्तुओं व जीवों में आत्माओं का अस्तित्व), इत्यादि। माना जाता है कि आध्यात्मिकतावाद के कई अवधारणाओं का जन्म ओझाप्रथा (shamanism) में हुआ था और यह धर्म का सबसे प्राचीन रूप है।[1][2][3]

इन्हें भी देखें

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  1. Stocking, Jr., George W. (1971). "Animism in Theory and Practice: E. B. Tylor's Unpublished 'Notes on "Spiritualism"". Man, New Series 6 (1): 88–104. doi:10.2307/2798430.
  2. Lang, Andrew (1995). Myth Ritual & Religion. Senate, London. ISBN 1-85958-182-X.
  3. Eliade, M. (1967). "Australian Religions. Part IV: The Medicine Men and Their Supernatural Models". History of Religions 7 (2): 159–183. doi:10.1086/462560. JSTOR 1061769.