आनंदवाद
आनंदवाद उस विचारधारा का नाम है जिसमें आनंद को ही मानव जीवन का मूल लक्ष्य माना जाता है। विश्व की विचारधारा में आनंदवाद के दो रूप मिलते हैं। प्रथम विचार के अनुसार आनंद इस जीवन में मनुष्य का चरम लक्ष्य है और दूसरी धारा के अनुसार इस जीवन में कठोर नियमों का पालन करने पर ही भविष्य में मनुष्य को परम आनंद की प्राप्ति होती है।
संदर्भ ग्रन्थ
संपादित करें- महाभारत, शांतिपर्व;
- उपनिषद्;
- शंकर, रामानुज, वल्लभ तथा निंबार्क के ग्रंथ;
- तंत्रालोक;
- माधव : सर्वदर्शनसंग्रह;