आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013

आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 जिसे निर्भया एक्ट के प्रचलित नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय विधि है जो भारतीय संसद की लोकसभा एवं राज्यसभा द्वारा क्रमशः 19 मार्च 2013 और 21 मार्च 2013 को पास की गयी और इसके द्वारा भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), भारतीय साक्ष्य अधिनियम, तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में सेक्सुअल अपराधों के लिए विशेष प्रबन्ध जोड़े गए।[1][2][3] इसे 2 अप्रैल 2013 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किया गया और 3 अप्रैल 2013 से प्रवर्तन में आ गयी। अपने मूल रूप में यह एक अध्यादेश था जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिल्ली में घटित निर्भया बलात्कार मामले के बाद हुए भारी विरोध प्रदर्शन और आंदोलनों के चलते प्रवर्तित किया गया।[4][5]

आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013
भारत की संसद
An Act further to amend the Indian Penal Code, the Code of Criminal Procedure, 1973, the Indian Evidence Act, 1872 and the Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012.
शीर्षक Act No. 13 of 2013
प्रादेशिक सीमा भारत (जम्मू और कश्मीर को छोड़कर)
द्वारा अधिनियमित लोकसभा
पारित करने की तिथि 19 मार्च 2013
द्वारा अधिनियमित राज्यसभा
पारित करने की तिथि 21 मार्च 2013
अनुमति-तिथि 2 अप्रैल 2013
शुरूआत-तिथि 3 अप्रैल 2013
स्थिति : अज्ञात

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Lok Sabha passes amendments". NDTV. 19 मार्च 2013. अभिगमन तिथि 4 February 2013.
  2. "Lok Sabha passes anti-rape bill". Hindustan Times. 19 मार्च 2013. मूल से 19 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 February 2013.
  3. "Anti-rape Bill passed". The Hindu. Chennai, India. 24 March 2013. मूल से 24 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 March 2013.
  4. "Prez Pranab Mukherjee promulgates ordinance on crime against women". Indian Express. 3 February 2013. मूल से 3 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 February 2013.
  5. "President signs ordinance to effect changes in laws against sexual crimes". India Today. 3 February 2013. मूल से 4 फ़रवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 February 2013.