आभोगी (Ābhōgi) कर्नाटक संगीत का एक राग है जिसे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अंगीकृत किया जा चुका है।[1] यह पाँच स्वरों में औदवा राग जैसा है। इसमें सातों स्वर शामिल नहीं हैं और यह जन्य राग से व्युत्पत्ति वाली राग है। आभोगी राग मूलतः कर्नाटक संगीत से हिन्दुस्तानी संगीत में लिया गया है और यह बाद में अच्छी लोकप्रियता प्राप्त कर लेता है।[2][3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bor & Rao 1999.
  2. Ragas in Carnatic music by Dr. S. Bhagyalekshmy, Pub. 1990, CBH Publications
  3. Raganidhi by P. Subba Rao, Pub. 1964, The Music Academy of Madras