आयताकार प्रतिरूप
आयताकार अपवाह प्रतिरूप: इस प्रकार के प्रतिरूप में नदियों के मिलने के स्थान का कोण चट्टानों की संधियों के स्वभाव द्वारा निर्धारित होता है। अत: इनका विकास आयत के रूप वाले चट्टानों की संधियों के क्षेत्र में होता है।
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