आरोग्य वटी
आयुर्वेदिक औषधि
यह आयुर्वेद में एक प्रकार की औषधि है जो नीम, गिलोय और तुलसी के मिश्रण से बनी है।[1]
मुख्य घटक
संपादित करेंनीमघन सत्, गिलोयघन सत् एवं तुलसीघन सत्
मुख्य लाभ
संपादित करें१. यह वटी स्वास्थ्यवर्धक एवं जीवाणु संक्रमण का निवारण करने वाली है।[1]
२. ज्वर, शीत एवं कफज रोगों में गुणकारी है।
३. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वटी है।[2]
४. इसके नित्य प्रति सेवन से त्वकरोग तथा त्रिदोष विषमता दूर होती है।[1]
५. यह श्वसन संक्रमण से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है।[3]
६. यह गठिया, दमा, आदि स्व-प्रतिरक्षण विकारों क उपचार के लिए अच्छा इलाज है।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवंबर 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवंबर 2017.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवंबर 2017.