आर्या छन्द

संस्कृत और पाली काव्यों में पाया जाने वाला एक प्रकार का छंद

आर्या छन्द संस्कृत पद्य का एक मात्रिक छन्द है। जिस छन्द के प्रथम और तृतीय चरण में बारह बारह मात्रायें, द्वितीय चरण में अठारह मात्रायें और चतुर्थ चरण में पन्द्रह मात्रायें हों, वह आर्या छन्द कहलाता है।

उदाहरण
नियतिकृतनियम सहिताः प्रादुः षन्त्येष यदा कदेतयः।
नहि विजहति धीराः स्वं धैर्य कृतबुद्धयः सन्त।

प्रस्तुत उदाहरण में प्रथम और तृतीय चरण में १२ बारह मात्रायें, द्वितीय चरण में १८ अठारह मात्रायें और चतुर्थ चरण में १५ मात्रायें होने से आर्या छन्द है।