आस्त्राख़ान
आस्त्राख़ान (रूसी: Астрахань, अंग्रेज़ी: Astrakhan) रूस के यूरोपीय हिस्से के दक्षिणी भाग में वोल्गा नदी के किनारे स्थित एक शहर है जो रूस के आस्त्राख़ान ओब्लास्त (प्रांत) का प्रशासनिक केंद्र भी है। यह वोल्गा नदी के कैस्पियन सागर में विलय हो जाने वाले स्थान के काफ़ी पास है।
आस्त्राख़ान Астрахань Astrakhan | |
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आस्त्राख़ान की क्रेमलिन चौक | |
निर्देशांक: 46°21′N 48°03′E / 46.350°N 48.050°Eनिर्देशांक: 46°21′N 48°03′E / 46.350°N 48.050°E | |
संघीय खंड | आस्त्राख़ान ओब्लास्त |
देश | रूस |
जनसंख्या (2010) | |
• कुल | 5,20,662 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | उज़बेक, काज़ाख़, तातार |
समय मण्डल | समारा समय (यूटीसी+04:00) |
नाम का उच्चारण
संपादित करें'आस्त्राख़ान' में 'ख़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह बिना बिन्दु वाले 'ख' से ज़रा भिन्न है। इसका उच्चारण 'ख़राब' और 'ख़रीद' के 'ख़' से मिलता है।
विवरण
संपादित करेंआस्त्राख़ान वोल्गा नदी के नदीमुख (डेल्टा) क्षेत्र में स्थित है और यहाँ स्टर्जन मछलियों और स्थानीय पौधों की भरमार है। इस उपजाऊ इलाक़े में कभी ख़ज़र लोगों और सुनहरे उर्दू ख़ानत की राजधानियाँ हुआ करती थीं। १३वीं सदी में यहाँ से गुज़रते यात्रियों ने इस शहर का नाम 'ख़ाचीतरख़ान' (Xacitarxan) बताया। सन् १३९५ में तैमूर ने इस शहर पर हमला करके इसे पूरी तरह जला डाला। आगे १४५९ से १५५६ तक यह ख़ाचीतरख़ान आस्त्राख़ान ख़ानत की राजधानी रहा। १५५६ में रूस के त्सार इवान भयानक (Ivan the Terrible) ने इसपर क़ब्ज़ा कर लिया और एक ऊँची पहाड़ी पर शहर के ऊपर एक क़िला बनाया। १५६९ में उस्मानी साम्राज्य ने शहर को हथियाने के लिए यहाँ कोज़कों की एक फ़ौज भेजी जो हरा दी गई। इसके बाद उस्मानी सुल्तान ने इस शहर पर रूसी नियंत्रण को मान्यता दे दी जिस से रूस इसे विकसित करने में सक्षम हो गया। रूस ने फ़ैसला किया कि इस शहर को पूर्वी देशों से व्यापार करने के लिए विकसित किया जाएगा जिस से बहुत से अर्मेनियाई, ईरानी और भारतीय व्यापारी यहाँ आ बसे और इस शहर की आबादी बहुराष्ट्रीय हो गई। आगे जाकर रूसी साम्राज्य ने इस शहर का प्रयोग मध्य एशिया में अपना विस्तार करने के लिए भी किया।[1]
मौसम
संपादित करेंआस्त्राख़ान का मौसम स्तेपी क्षेत्र जैसा है - गर्मियों में बहुत गर्म और सर्दियों में काफ़ी सर्द। बारिश कम होती है लेकिन सालभर पड़ती रहती है, जिस से यह इलाक़ा शुष्क नहीं होता। जुलाई में सर्वाधिक तापमान ४१ सेंटीग्रेड तक और फरवरी में न्यूनतम तापमान −३३.८ सेंटीग्रेड तक जा चुका है।
आस्त्राख़ान के कुछ नज़ारे
संपादित करें-
१७वीं सदी में आस्त्राख़ान
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वोल्गा नदी का किनारा
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आस्त्राख़ान में ट्राम
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मध्यकालीन भारतीय व्यापारियों का केंद्र
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आस्त्राख़ान क्रेमलिन (क़िले) की दीवार
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आस्त्राख़ान के मध्यकालीन भारतीय व्यापारियों के केंद्र का रूसी भाषा में स्मारक (Индийское торговое подворье, इन्दिस्कोए तोरगोवोए पोदवोरए)
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Russia's Steppe Frontier: The Making Of A Colonial Empire, 1500-1800 Archived 2015-04-05 at the वेबैक मशीन, Michael Khodarkovsky, pp. 28, Indiana University Press, 2005, ISBN 978-0-253-21770-7, ... Moscow began to seek other routes, via newly conquered Astrakhan, to Persia and Central Asia ...