इसका उपयोग मेवाड़ के राजपरिवार के लोगों के कब्रिस्ताबन के रूप में होता है। यहां मेवाड़ के 19 शासकों का स्माषरक है। ये स्मामरक चार दशकों में बने हैं। यहां सबसे प्रमुख स्माेरक महाराणा अमर सिंह का है। अमर सिंह ने सिंहासन त्यायगने के बाद अपना अंतिम समय यहीं व्य तीत किया था। इस स्थामन का संबंध हड़प्पा सभ्य ता से भी जोड़ा जाता है। यहां एक पुरातात्विक संग्रहालय भी है। लोकेशन: शहर से 2 किलोमीटर पूर्व में प्रवेश शुल्क:: 3 रु. समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक। शुक्रवार बंद।