आहारीय सोडियम शरीर की कोशिकाओं के अन्दर और बाहर जल के सन्तुलन को बनायें रखने में सहायक होता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में ऐठन एडेमा, हो सकता है, किन्तु इसकी अधिकता से हानिकारक परिणाम जैसे उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारियां, यकृत का सूत्रणरोग और संकुलन संबंधी हृदय रोग हो सकते हैं। सोडियम मूत्र और विशेषतः पसीने में सोडियम क्लोराइड के रूप में निकलता है। कभी-कभी आहारों में जैव सोडियम आवश्यकता की पूर्ति के लिये पर्याप्त नहीं होता। अतः सोडियम क्लोराइड या खाने का नमक भोजन में शामिल करना पड़ता है।

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इसका मुख्य स्रोत है संसाधित आहार, मांस और सामान्य नमक।