इंडिया अगेंस्ट करप्शन
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इंडिया अगेंस्ट करप्शन (भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत) भारत का राष्ट्र-व्यापी जन-आंदोलन है, जिसके द्वारा देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग की जा रही है। कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता जैसे अन्ना हजारे, अरविन्द केजरीवाल, मेधा पाटेकर, किरण बेदी इत्यादि इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।भ्रष्टाचार विरोधी भारत (इंडिया अगेंस्ट करप्शन) नामक गैर सरकारी सामाजिक संगठन का निमाण करेंगे। संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यह बिल भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया था। इसे लागू कराने के लिए सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में २०११ में अनशन शुरू किया गया। १६ अगस्त में हुए जन लोकपाल बिल आंदोलन २०११ को मिले व्यापक जन समर्थन ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भारत सरकार को संसद में प्रस्तुत सरकारी लोकपाल बिल के बदले एक सशक्त लोकपाल के गठन के लिए सहमत होना पड़ा।
प्रकार | अशासकीय संस्था |
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उद्देश्य | भ्रष्टाचार का विरोध |
मुख्यालय | गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश - 201010 |
जालस्थल | indiaagainstcorruption.org.in |
अन्ना हजारे की भूमिका
संपादित करेंवरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, अन्ना हजारे, 5 अप्रैल 2011 से नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। उनका उद्देश्य भारत सरकार को जन-लोकपाल बिल पारित करने के लिए बाध्य करना था। उनके अनशन को संपूर्ण भारत में भारी समर्थन मिल रहा था।
5 अप्रैल 2011 के आमरण अनशन के दोरान सरकार ने भरोसा दिया था कि सरकार आप के साथ मिल कर नया मसोदा तैयार करेगी। लेकिन अन्ना टीम कि कोई बात नहीं सुनी गई व सरकारी जोकपाल संसद में रखा गया जिस के कारण अन्ना को दोबारा 16.08.11 को फिर से आमरण अनशन पर जाना पड़ा जिसको इतना समर्थन मिला कि मैंने अपनी 50 साल कि जिन्दगी में नहीं देखा. 12 दिन तक रामलीला मदान में दो लाख लोग हर रोज आते रहे। जिस के कारण सरकार को दोबारा नए सिरे से जनलोकपाल लाने का वायदा किया है। ये वायदा भी पूरा नहीं होने पर फिर से जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठना पडा। वहाँ पर भी जब सुनवाई नहीं हुई तो अन्ना साहब को पार्टी बना कर चुनाव लड़ने की घोसना करनी पड़ी। लेकिन जब पार्टी बनाने की बात आई तो अन्ना साहब ने पार्टी में शामिल होने से यह कह कर इनकार कर दिया कि राजनीति तो कीचड़ है। जिस पर 26 नवम्बर 2012 को अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी बनाई गई। पार्टी बनने पर मिडिया ने साथ नहीं दिया जिस पर पार्टी के कार्यकर्ताओ को घर-घर जा कर पार्टी का प्रचार करना पड़ा जिस का फायदा यह मिला कि 4 दिसम्बर 2012 को चुनाव होने पर आम आदमी पार्टी को 70 में से 28 सीटो पर जीत मिली। परिणाम सवरूप कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी का समर्थन करना पड़ा व अरविन्द केजरीवाल ने 28 दिसम्बर 2013 को राम लीला मैदान में मुख्य मंत्री की शपथ ली।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध वोट बैंक
संपादित करेंइंडिया अगेंस्ट करप्शन संस्था ने एक वोट बैंक (Vote For India) प्रारंभ किया है। इस वोट बैंक के सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है, कि वो ऐसे किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव में वोट नहीं देंगे जो जन-लोकपाल बिल को पारित नहीं करते।
जन-लोकपाल बिल
संपादित करेंभारत सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल बिल में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए जन लोकपाल बिल को तैयार किया गया है। जन-लोकपाल संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यह बिल भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया था।