इतागाकी ताइसूके
इतागाकी ताइसूके (板垣 退助? ; १८३७-१९१९) जापानी राजनीतिज्ञ तथा स्वतंत्रता एवं जनाधिकार आन्दोलन (Jiyū Minken Undō) के नेता थे। यही आन्दोलन आगे चलकर जापान का पहला राजनैतिक दल बना। १९५३ के १०० येन के नोट पर उनकी छबि बनी हुई है।
इतागाकी ताइसुके Itagaki Taisuke | |
---|---|
जन्म |
21 मई 1837 Tosa Domain, Japan |
मौत |
जुलाई 16, 1919 | (उम्र 82 वर्ष)
राष्ट्रीयता | Japanese |
पेशा | Politician, Cabinet Minister |
इतागाकी ताइसूके | |||||
---|---|---|---|---|---|
जापानी नाम | |||||
कांजी लिपि | 板垣 退助 | ||||
Hiragana | いたがき たいすけ | ||||
|
इनका जन्म तोसा में हुआ था। प्रारंभिक ख्याति राजनीतिक सिपाही के रूप में जिसने सामंतवाद का उन्मूलन कर प्राशासनिक शक्ति राजसत्ता के हाथ में एकत्र करने में योग दिया। नवीन विधान में उसे मंत्री का पद मिला (१८७३)। सरकार की सामरिक नीति से मतभेद होने के कारण उसने त्यागपत्र दे दिया। अपने घर पर जनता को जनतंत्र शासन की प्रशिक्षा देने के उद्देश्य से स्कूल खोले जो बहुत जनप्रिय हुए। इसी की देखादेखी ऐसे अनेक प्रशिक्षण केंद्र खोले गए। इतागाकी 'जापान के रूसो' के नाम से विख्यात हुए।
१८८१ में इतागाकी की अध्यक्षता में जापान का जिऊ-तो नामक पहला राजनीतिक दल बना जिसने देश में संसदीय शासन के प्रचलन में योग दिया। इतागाकी ने अपना सारा जीवन इस दल के संगठन में लगा दिया। १८८२ में एक हत्यारे इतागाकी पर वार किया, पर वे बच गए और हत्यारे को संबोधित करते उन्होंने कहा-इतागाकी को मार सकते हों; स्वतंत्रता अमर है। १८८७ में उन्हें एक बार फिर से मंत्रिपद और काउंट की उपाधि मिली।
विकिमीडिया कॉमन्स पर इतागाकी ताइसूके से सम्बन्धित मीडिया है। |