इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन
हम अल्लाह के हैं और उसी की ओर हम लौटेंगे
इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन (अरबी: [إِنَّا لِلَّٰهِ وَإِنَّ إِلَيْهِ رَاجِعُونَ] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help)) इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन की एक आयत का हिस्सा है "हम अल्लाह से हैं और अल्लाह के पास जाना है।"[1] "[2][3] वाक्यांश आमतौर पर मुसलमानों द्वारा पढ़ा जाता है जब कोई व्यक्ति जीवन में एक दुखद घटना का अनुभव करता है, विशेष रूप से समाचार सुनने से कि व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। वाक्यांश उन स्थितियों में भी पढ़ा जा सकता है जिनमें किसी को हानी हुई हो।[4][5]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ क़ुरआन के प्रमुख अनुवाद पर आयत 2:156 का अर्थ http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/2:156 Archived 2018-04-25 at the वेबैक मशीन
- ↑ group="n">The full verse is: ٱلَّذِينَ إِذَ أَصَابَتْهُم مُّصِيبَةٌۭ قَالُوا۟ إِنَّا لِلَّٰهِ وَإِنَّ إِلَيْهِ رَاجِعُونَ which means who, when they are visited by an affliction, say, 'Surely we belong to God, and to It we return It appears in Sura Al-Baqara, Verse 156.
- ↑ "al-Baqarah 2:156". मूल से 26 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 June 2018.
- ↑ "Islam Question and Answer - The believer's attitude towards calamities". IslamQA. मूल से 20 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2011.
- ↑ "When one is struck by calamity (trouble)". iSunnah. मूल से 15 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2011.