इबादत खाना (पूजा का घर) 1575 ईस्वी में मुगल सम्राट अकबर (r. 1556 – 1605) ने फतेहपुर सीकरी में विभिन्न धार्मिक आधारों के आध्यात्मिक नेताओं को इकट्ठा करने के लिए बनाया था ताकि संबंधित धार्मिक शिक्षाओं पर चर्चा की जा सके। [1] विभिन्न धर्मों के बारे में जानने की अपनी उत्सुकता की वजह से अकबर ने 1575 में फतेहपुर सीकरी में इबादत खाना के रूप में जाना जाने वाला प्रार्थना का आह्वान किया। इस स्थान पर उन्होंने चुनिंदा मनीषियों, बुद्धिजीवियों और धर्मशास्त्रियों को आमंत्रित किया और धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा की।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि संपादित करें

ईश्वर की आस्था संपादित करें

 
इबादत खाना के दृश्यों को दर्शाती एक पेंटिंग।

इबादत खाना की खोज संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. पृ॰ 171. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9-38060-734-4.