प्रयागराज संग्रहालय

चन्द्रशेखरन
(इलाहाबाद संग्रहालय से अनुप्रेषित)

इलाहाबाद संग्रहालय उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर में सिविल लाइन्स क्षेत्र के हरे-भरे चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क ('कम्पनी बाग' के नाम से प्रसिद्ध) में स्थित है। यह प्रयाग, इलाहाबाद सिटी (रामबाग) तथा इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर तथा बमरौली हवाई अड्डे से 12 किलोमीटर की दूरी पर है।

यह संग्रहालय दूसरी शताब्दी से लेकर बाद के काल की आधुनिक युग की सुन्दर मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। निकोलस रोरिच की चित्रकलाएँ, राजस्थानी लघु आकृतियां, सिक्कों और दूसरी शताब्दी से आधुनिक युग की पत्थरों की मूर्तियाँ आदि इस संग्रहालय के मुख्य आकर्षण हैं। चन्द्र शेखर आजाद की माउज़र पिस्तौल भी यहाँ प्रदर्शित है।[1]

संग्रहालय में 18 गैलरी हैं और यह सोमवार के अलावा प्रतिदिन 10 से 5 बजे तक खुला रहता है।

सन् 1863 में राजस्व परिषद द्वारा उत्तर पश्चिम प्रान्त की सरकार से पब्लिक लाइबे्ररी और एक संग्रहालय की स्थापना हेतु निवेदन किया गया। प्रान्तीय सरकार के अनुदान से प्रसिद्ध पुरालेख शास्त्री सर विलियम म्योर और विजयनगरम के महाराजा को पुस्तकालय एवं संग्रहालय के अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। 1878 ई. में आरनेट भवन को उद्घाटित कर एकत्रित संग्रह को रखा गया।

1881 ई. में अपरिहार्य कारणेों से संग्रहालय बंद हो गया। 1923-24 ई. में इलाहाबाद म्यूनिसिपल बोर्ड द्वारा संग्रहालय को पुनः खोलने का उपक्रम बोर्ड के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी पं0 बृजमोहन व्यास के निर्देशन में प्रारम्भ हुआ और 1931 में म्यूनिसिपल भवन में संग्रहालय खुला। पं0 व्यास के अथक प्रयत्नों सें संग्रहालय के लिए महत्वपूर्ण संग्रहों का अधिग्रहण हुआ जिसमें भरहुत और भूमरा जनपद सतना, म0प्र0 का प्राचीन मूर्ति शिल्प है।

1942 ई. में संग्रहालय के प्रथम क्यूरेटर एस.सी. काला ने संग्रहों की समृद्धि के लिए आवश्यक प्रसास किए। स्थानाभाव के कारण यह निर्णय हुआ कि संग्रहालय को म्यूनिसिपल बोर्ड के भवन से कम्पनी बाग अथवा चन्द्रशेखर आजाद पार्क के वर्तमान भवन में स्थानान्तरित कर देना चाहिए। वर्तमान संग्रहालय भवन जिसे 'प्रयाग संग्रहालय' कहा जाता था उसकी आधार शिला 14 दिसम्बर 1947 को पं0 जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई और 1954 में संग्रहालय जनसामान्य के लिए खोल दिया गया। कलाकृतियों के महत्त्वपूर्ण संग्रह को देखते हुए सितम्बर 1985 में संस्कृति विभाग, भारत सरकार द्वारा यह राष्ट्रीय महत्त्व की संस्था घोषित की गई। संग्रहालय की गतिविधियों को शासित करने हेतु समिति पंजीकरण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत 6 सितम्बर 1985 को एक समिति अस्तित्व में आयी। यह पूर्णतः भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, इलाहाबाद संग्रहालय समिति के पदेन अध्यक्ष हैं।

बाहरी कड़ियाँ

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  1. [1]