इलेक्ट्रोनिक्स में एलेक्ट्रोंस का प्रवाह ही करंट कहलाता है। हम ये भी जानते हैं कि एलेक्ट्रोन निगेटिव चार्ज्ड होते हैं। इसका मतलब ये है कि जब एलेक्टोंस का प्रवाह शुरू होता है तो एलेक्ट्रोंस एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाते हैं। जब कोई एलेक्ट्रोन किसी एक स्थान को छोड़ता है तो उस स्थान पर निगेटिव चार्ज की अनुपस्थिति हो जाती है जिसे हम एक तरह से कह सकते हैं कि वहां पोसेटिव चार्ज उपस्थित हो जाता है और उसे ही हम होल कहते हैं। एक बात हमेशा ध्यान रखें की वास्तविकता में होल का कोई अस्तित्व नहीं होता हैं। होल एलेक्ट्रोंस की तरह कोई पार्टिकल नहीं है वो एक काल्पनिक एरिया है जहाँ से कोई एलेक्ट्रोन या निगेटिव चार्ज्ड पार्टिकल हट चूका है। चूँकि एलेक्ट्रोन के हटने के बाद उसके बराबर निगेटिव चार्ज वहां से हट चूका है इस लिए होल को एलेक्ट्रोन के बराबर चार्ज का पोसिटिव एरिया माना जाता है।