इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन

इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन (Electronic publishing), जिसे ई-प्रकाशन (e-publishing) या डिजिटल प्रकाशन (digital publishing), ई-पुस्तकों, जाल पत्रिकाओं, डिजिटल पुस्तकालयों और अन्य सामग्रियों के डिजिटल माध्यम में प्रकाशन को कहते हैं। इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन सूचना युग में प्रकाशन में एक बड़ी क्रान्ति समझी जाती है। जहाँ कागज़ पर प्रकाशित सामग्री छपने के बाद बदली नहीं जा सकती, वहाँ इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन सरलता से बदला जा सकता है और इस से सामग्री ताज़ा और सुधरते हुए क्रम में बंधी रह सकती है। इसमें पाठकों की रुची मापना भी सरल है - यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने लोग प्रकाशित सामग्री के अलग-अलग अंशों को दैनिक रूप से कितनी बार पढ़ रहे हैं।[1] इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन सामग्री को विस्तृत करना भी आसान है - कागज़ की पुस्तकें-पत्रिकाएँ छापना महँगा होता है और फिर उन्हें दूर-दराज़ क्षेत्रों में वाहनों द्वारा पहुँचाने में समय और ख़र्च दोनों होते हैं, जबकि इलैक्ट्रॉनिक प्रकाशन द्वारा कोई सामग्री विश्वभर में कुछ ही क्षणों में पहुँच पाती है।[2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Online Or Invisible? Archived 2016-04-20 at the वेबैक मशीन by Steve Lawrence of the NEC Research Institute
  2. G. Ellison (2002). "The Slowdown of the Economics Publishing Process". Journal of Political Economy 110 (5): 947-993