ईश्वरवादी अस्तित्ववाद
सोरेन किर्केगार्द, गैब्रियल मार्शल आदि द्वारा प्रवर्तित अस्तित्ववाद की ईश्वरवादी धारा के केन्द्र में ईश्वर है। इनके अनुसार संसार में निरर्थक जीवन को सार्थक व सारपूर्ण बनाने के लिये निष्ठा तथा ईश्वर में आस्था अनिवार्य है। इस वर्ग के संदर्भ में रामस्वरूप चतुर्वेदी लिखते हैं कि—'यह वर्ग मानव-जीवनको ईश्वर से संयुक्त करके उसे उसका वास्तविक मूल्य देना चाहता है। सोरेन किर्केगार्द, गैब्रियल मार्शल आदि इसके विचारकों में हैं।
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