उच्छिष्ट लार द्वारा खाद्य के दूषित होने से सम्बन्धित एक भारतीय और हिन्दू अवधारणा है। उच्छिष्ट शब्द के कई जटिल अर्थ हैं, उनमें से अधिकांश अतिशय नकारात्मक हैं और गम्भीर अशुद्धता से जुड़े हैं। इनमें शामिल हैं "अवशेष, अस्वीकृत, बासी, निष्ठ्यूत... जिसने अपने हाथ और मुख नहीं धोए हैं और इसलिए उसे अशुद्ध माना जाता है।" उच्छिष्ट खाद्य, लोगों और बर्तनों को धार्मिक रूप से अशुद्ध माना जाता है। एक व्यक्ति अपने हाथ और मुख धोकर शुद्ध हो सकता है।

भारतीय खाद्य की आंशिक खादित थाली।

किसी को उच्छिष्ट भोजन देना अत्यधिक अपमानजनक है। उच्छिष्ट (या शेष) एक तकनीकी शब्द है जिसका उपयोग वैदिक बलि में पीड़ित के उस भाग को सन्दर्भित करने हेतु किया जाता है जो सभी बलिदान देने के बाद "बचा हुआ" होता है। भारत में साधारणतः बचे हुए भोजन की तरह, इसे अशुद्ध और प्रदूषणकारी माना जाता है; किन्तु साथ ही, इसे शक्तिशाली "बीज" भी माना जाता है जो अगले बलिदान को जन्म देता है। जबकि शास्त्रीय हिन्दू धर्म में हिन्दू देवताओं को इस तरह की प्रसाद निषिद्ध है, कुछ विधर्मी तांत्रिक देवताओं की पूजा वर्जित भेंट के साथ की जाती है।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. www.wisdomlib.org (2016-04-21). "Ucchishta, Ucchiṣṭa: 21 definitions". www.wisdomlib.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-09-17.