उड़द धुली
उड़द एक दलहन होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्धघी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए।
उड़द धुली | |
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सूखे उड़द के बीज (साबुत उड़द) | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
विभाग: | मैग्नोलियोफाइटा |
वर्ग: | मैग्नोलियोप्सीडा |
गण: | Fabales |
कुल: | Fabaceae |
उपकुल: | Faboideae |
वंश समूह: | Phaseoleae |
वंश: | Vigna |
जाति: | V. mungo |
द्विपद नाम | |
Vigna mungo (L.) Hepper |
छिलका उतार देने पर साधारण साबुत उड़द दाल ही धुली उड़द खलाती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- H.K. Bakhru (1997). Foods that Heal. The Natural Way to Good Health. Orient Paperbacks. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-222-0033-8.