उड़नेवाला स्पघेटी दानव (अंग्रेज़ी: Flying Spaghetti Monster) पास्ताफ़ारी धर्म (पास्ता और रस्ताफ़ारी शब्दों का जोड़) का ईश्वर है।[1] इसे अमेरिका के सरकारी विद्यालयों में इंटेलिजेंट डिज़ाइन और क्रिएशनिस्म (अंग्रेज़ी: Creationism) पढ़ाने का विरोध करने के लिए सन् 2005 में बनाया गया था।[1] इसके माध्यम से ये दर्शाया जाता है कि दर्शनशास्त्रिय सबूत का बोझ उस व्यक्ति पर है जो वैज्ञानिक दृष्टि से झूठाया न जा सकने वाला दावा कर रहा हो, बजाय उस व्यक्ति के जो उस दावे को अस्वीकार कर रहा हो।[2][3] हालांकि इस धर्म के अनुयायी इसे एक असली धर्म बताते हैं,[4] पर मीडिया में इसे एक व्यंग्य धर्म की तरह देखा जाता है।[5][6]

इतिहास संपादित करें

उड़नेवाले स्पैगेट्टी दानव का पहला वर्णन 2005 में बॉबी हेंडरसन द्वारा अमेरिका के केन्सास राज्य के शिक्षा बोर्ड को लिखी गई एक व्यंगपूर्ण चिट्ठी में मिलता है। इस चिट्ठी से वे बोर्ड द्वारा विज्ञान की कक्षाओं में क्रम-विकास के स्थान पर इंटेलिजेंट डिज़ाइन पढ़ाने की अनुमति दिए जाने का विरोध कर रहे थे।[7] चिट्ठी में वे स्पघेटी और मीटबॉल की तरह दिखने वाले देवता और ब्रह्माण्ड के सृजनकर्ता में अपनी आस्था जटा कर क्रिएशनिस्म का व्यंग्य करते हैं। वे तर्क करते हैं कि उनकी धारणाएँ इंटेलिजेंट डिज़ाइन की धारणाओं के जितनी वैध हैं, और कहते हैं कि इसलिए उनकी धारणाओं को विज्ञान की कक्षाओं में क्रम-विकास और इंटेलिजेंट डिज़ाइन के बराबर समय मिलना चाहिए।[8]

अपनी लोकप्रियता और पहुँच के कारण उड़नेवाले स्पघेटी दानव को अक्सर रसल की चायदानी के समकालीन रूपांतर की तरह प्रयोग किया जाता है।[2][3] इसके माध्यम से ये दर्शाया जाता है कि दर्शनशास्त्रिय सबूत का बोझ उस व्यक्ति पर है जो वैज्ञानिक दृष्टि से झूठाया न जा सकने वाला दावा कर रहा हो, बजाय उस व्यक्ति के जो उस दावे को अस्वीकार कर रहा हो।[2][3]

मान्यताएँ संपादित करें

हालांकि हेंडरसन ने कहा है कि "पास्ताफ़ारी धर्म में एक ही धर्म मान्यता की अनुमति है – धर्म मान्यताओं की नामंजूरी", फिर भी पास्ताफ़ारी लोग कुछ मान्यताएँ रखते हैं।[4]

सृजन संपादित करें

पास्ताफ़ारी सृजन मिथक के अनुसार एक अदृश्य और अनभिज्ञेय उड़नेवाले स्पैगेट्टी दानव ने बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद ब्रह्माण्ड की रचना दस हजार वर्ष पहले की थी। इन मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी के त्रुटिपूर्ण होने का कारण इस दानव का सृजन के दौरान नशे में चूर होना है। पास्ताफ़ारी ये भी मानते हैं कि क्रम-विकास के सभी सबूत पास्ताफ़ारियों की श्रद्धा जांचने के लिए स्वयं उड़नेवाले स्पैगेट्टी दानव ने रखे थे।[9] जब रेडियोकार्बन डेटिंग जैसे वैज्ञानिक माप लिए जाते हैं, तब उड़नेवाला स्पैगेट्टी दानव आंकड़ो को बदल देता है ताकि वैज्ञानिक समझें कि पृथ्वी अरबों वर्ष पुरानी है।[8]

स्वर्ग और नर्क संपादित करें

पस्ताफ़ारी धर्म की स्वर्ग की संकल्पना में एक बियर ज्वालामुखी और नग्न नर्तकियाँ बनाने वाला कारखाना शामिल है।।[10] पस्ताफ़ारी नर्क भी ऐसा ही है, पर बियर बासी है और नर्तकियों को यौन संचारित रोग हैं।[11]

समुद्री लुटेरे और भूमंडलीय ऊष्मीकरण संपादित करें

 
हेंडरसन की मूल चिट्ठी से लिया गया एक भ्रामक लेखाचित्र जो समुद्री लुटेरों की संख्या और भूमंडलीय तापमान में सह-संबंध दिखता है।[8] इस लेखाचित्र के द्वारा वे ये दर्शाने की कोशिश करते हैं कि यह एक गलत धारणा कि – दो चीज़ों के बीच सह-संबंध का मतलब है कि एक चीज़ दूसरी की वजह से होती है।[12]

पस्ताफ़ारी मान्यताओं के अनुसार समुद्री लुटेरे वास्तविकता में दिव्य प्राणी और मूल पस्ताफ़ारी हैं।[8] पस्ताफ़ारी मानते हैं कि समुद्री लुटेरों के "चोर और बहिष्कृत" होने की धारणा मध्ययुग में ईसाई धर्मशास्त्रियों द्वारा और आज अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा फैलाई जा रही झूठी सूचना का नतीजा है। इनके अनुसार, वास्तविकता में समुद्री लुटेरे "शांति-प्रिय खोज यात्री और सद्भाव के प्रसारक" थे जो बच्चों को मिठाइयाँ बांटते थे। ये कहते हैं कि आज के समुद्री लुटेरों का "प्राचीन जिन्दादिल समुद्री लुटर्रों" से कोई सम्बन्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त, बरमूडा त्रिभुज से समुद्री और हवाई जहाजों के रहस्‍यपूर्ण ढंग से गायब होने के लिए पस्ताफ़ारी समुद्री लुटेरों के भूतों को ज़िम्मेदार मानते हैं। पस्ताफ़ारी हर वर्ष 19 सितंबर को "समुद्री लुटेरों की तरह बोलो का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाते हैं।[13]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Church of the Flying Spaghetti Monster: How Pastafarianism emerged as the world's newest religion". International Business Times (अंग्रेज़ी में). 16 जनवरी 2016. मूल से 16 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 फरवरी 2016.
  2. Wolf, Gary (November 14, 2006). "The Church of the Non-Believers". Wired News. मूल से 15 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 मार्च 2016.
  3. MacKenzie, Richard (2007). "Is Faith the Enemy of Science?". Physics in Canada. 64 (103). arXiv:0807.3670.
  4. Henderson, Bobby. "About". The Church of the Flying Spaghetti Monster. अभिगमन तिथि 2012-08-10.
  5. "The dangers of creationism in education. See para. 52". Council of Europe Parliamentary Assembly. मूल से 7 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-01-16.
  6. Vergano, Dan (2006-03-27). ""Spaghetti Monster" is noodling around with faith". USA Today Science & Space article. मूल से 6 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-02-05.
  7. "In the beginning there was the Flying Spaghetti Monster". The Telegraph (अंग्रेज़ी में). 11 सितम्बर 2005. मूल से 21 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 मार्च 2016.
  8. Henderson, Bobby (2005). "Open Letter To Kansas School Board". Venganza.org. मूल से 2007-04-07 को पुरालेखित.
  9. Van Horn, Gavin; Lucas Johnston (2007). "Evolutionary Controversy and a Side of Pasta: The Flying Spaghetti Monster and the Subversive Function of Religious Parody". GOLEM: Journal of Religion and Monsters. 2 (1).
  10. DuBay, Tim (2005). "Guide to Pastafarianism". मूल (Shockwave Flash) से 4 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-08-26.
  11. The Gospel of the Flying Spaghetti Monster, p.83.
  12. Pirie, Madsen (2006). How to Win Every Argument: The Use and Abuse of Logic. A&C Black. पृ॰ 41. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8264-9006-3. मूल से 21 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 September 2015.
  13. The Gospel of the Flying Spaghetti Monster, p.124.