उत्क्रम भेषजगुण विज्ञान

दवा की खोज के क्षेत्र में, उत्क्रम भेषजगुण विज्ञान (रिवर्स फ़ार्माकोलॉजी) [1] [2] [3] को लक्ष्य-आधारित दवा खोज (टीडीडी) भी कहते हैं। [4] यह विधि आज दवा की खोज में सबसे अधिक उपयोग की जाती है। [5] यह विधि मानव जीनोम की अनुक्रमण के बाद लोकप्रिय हुई जिसने बड़ी मात्रा में शुद्ध प्रोटीन के तेजी से क्लोनिंग और संश्लेषण की अनुमति दी।

औषध की खोज में अग्र और पश्च फार्माकोलॉजी दृष्टिकोण

इसमें पहले एक परिकल्पना की जाती है कि एक विशिष्ट प्रोटीन लक्ष्य की गतिविधि का मॉड्यूलेशन करने से लाभकारी उपचारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके बाद छोटे अणुओं के रासायनिक लाइब्रेरीज की स्क्रीनिंग का उपयोग उन यौगिकों की पहचान की जाती है जो लक्ष्य के साथ उच्च बन्धुता के साथ जुड़े हैं। इन ज्ञान का उपयोग दवा की खोज के लिए शुरुआती चरण है।

यह सभी देखें संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. Bachmann KA, Hacker MP, Messer W (2009). Pharmacology Principles and Practice. Amsterdam: Elsevier/Academic Press. पृ॰ 576. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-12-369521-5.
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर