उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र बारहवाँ हैं वहीं इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण सिंह राशि में आता है। अतः इस राशि वालों के सूर्य का दोहरा लाभ मिल जाता है। यह नाम से प्रथम चरण वाला उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है।

उत्तराफाल्गुनी

सूर्य प्रधान जातक अत्यंत तेजस्वी स्वभाव वाले महत्वाकांक्षी जन-जन में प्रिय होते हैं। सूर्य प्रधान नक्षत्र सिंह राशि होने पर इनके जीवन पर सूर्य का प्रभाव अधिक होता है। ऐसे जातक यदि माणिक पहनें तो अपने जीवन में अधिक सफल होंगे। वहीं प्रातः सूर्य दर्शन कर सूर्य को अर्घ्य देना भी इनके लिए लाभकारी होगा।

सूर्य यदि जन्म पत्रिका में उच्च का होकर लग्न चतुर्थ पंचम नवम दशम एकादश भाव में हो तो उस भाव के प्रभाव को अधिक बढ़ा देगा। लग्न में होने से ऐसा जातक प्रभावशाली तेजस्वी स्वभाव का राजनेता या उच्च प्रशासनिक क्षमता वाला, उद्योगपति भी हो सकता है। ऐसे जातक विद्वान होते हैं।


संतान इनकी उत्तम गुणी होती है। लेकिन इनका दांपत्य जीवन कुछ ठीक नहीं रहता, ऐसे जातकों को माणिक नहीं पहनना चाहिए क्योंकि सूर्य बलवान होने पर और अधिक दांपत्य जीवन को बिगाड़ेगा। यदि ऐसे जातक का विवाह तुला राशि या तुला लग्न वाली लड़की से हो जाए तो अति उत्तम रहेगा।