चित्र
चित्रवंशी कायस्थ सम्राट

उत्तानपाद संपादित करें

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उत्तानपाद स्वयंभुव मनु और शतरूपा के पुत्र थे चित्रवंशी कायस्थ सम्राट थे क्योंकि मनु ने उत्तानपाद को भगवान विष्णु और भगवान शिव के साथ भगवान ब्राम्ह और भगवान चित्रगुप्त की कृपा से हुए इस कारण महाराज मनु ने उत्तानपाद चित्रवंशी कायस्थ सम्राट बनाया और चित्रवंधी कायस्थ सम्राट बने। अपनी कम आयु में ही कठोर तपस्या द्वारा श्रीहरि को प्रसन्न करने वाले बालक ध्रुव राजा उत्तानपाद के ही पुत्र थे।

  • चैत्रवंश कायस्थ राजा उत्तानपाद की दो पत्नियां थीं- सुनीति और सुरुचि।
  • सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव और सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम था।
  • राजा की आसक्ति सुरुचि पर अधिक थी। इसलिए सुनीति और ध्रुव कि बहुदा उपेक्षा होती थी।
  • एक दिन जब ध्रुव पिता उत्तानपाद की गोद में बैठा था तो सुरुचि ने उसे झिड़क कर यह कहते हुए राजा की गोद से उसे उतार दिया कि "तुम मेरी कोख से पैदा नहीं हुए हो।" इससे दु:खी होकर बालक ध्रुव अपनी माता के साथ तप करने वन चला गया। उधर पत्नी के चले जाने से दु:खी राजा को नारद ने यह कहकर संतोष दिलाया कि तुम्हारा यह पुत्र बड़े यश का भागी बनेगा।