उत्पीड़न भ्रांति (Delusion of persecution) एक प्रकार की भ्रमासक्‍ति (Delusion) है जिसमें रोगी के मन में लगातार इस प्रकार के भाव उठते रहते हैं कि वह चारों ओर अपने शत्रुओें से घिरा है, सब व्यक्ति उसका मखौल उड़ा रहे हैं, उसे यातना पहुँचाना चाहते हैं, उसके विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं आदि। इसे अभिद्रोह भ्रांति या उत्पीडन भ्रमासक्ति भी कहते हैं। फ्रायड ने उत्पीड़न भ्रांति का कारण कामग्रंथि को माना है जब कि एडलर इसके मूल में हीन ग्रंथि की सक्रियता मानते हैं।

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