उदारवादी नारीवाद
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उदारवादी नारीवाद एक व्यक्तिवादी किस्म का नारीवाद हैं, जिसमें औरतें समझती है कि वह अपनी सोच और करतब से समानता पा सकती हैं। उदारवादी नारीवादियों का मानना हैं कि सामाजिक संस्थाओं में औरतों की आवाज़ और उनकी पहचान का सही मायने में प्रतिनिधित्व नहीं हो पता। उनका कहना है कि, इसकी वजह औरतोंके के प्रति भेदभावपूर्ण नियम और क़ानून है। इसी कारण औरते विकास से वंचित रहत
जेम्स स्टर्वा दारा उदार नारीवाद की अवधारणा)
सुप्रसिद्ध विचारक जेम्स सट्रवा द्वार नारीवाद की व्याख्या करते हुए कहा कि मिल- कारखाने आदि सभी कार्यस्थलों पर कार्य के कुछ घटे इस प्रकार के होने चाहिए कि माँ-बाप दोनों ही बच्चे की देखभाल का कार्य कर सके।