उपकला ऊतक

जानवरों में अंगों की सतह को अस्तर करने वाले ऊतक
(उपकला से अनुप्रेषित)

प्राणियों के शरीर की बाहरी सतह और शरीर के अन्दर स्थित विभिन्न अंगों के बाहरी तथा भीतरी सतह का निर्माण करने वाले ऊतक को उपकला ऊतक (epithelium) कहते हैं।

विभिन्न प्रकार के उपकला ऊतक

उपकला (एपिथीलियम) एक अत्यंत महीन और चिकनी झिल्ली है जो शरीर के भीतरी समस्त अंगों के बाह्य पृष्ठों को आच्छादित किए हुए है। इसी का दूसरा रूप शरीर के कुछ खोखले विवरों के भीतरी पृष्ठ को ढके रहता है, जिसे अंतर्कला कहा जाता है।

उपकाला शरीर का एक विशिष्ट ऊतक है जो अंगों का आच्छादन करके उनकी रक्षा करता है। इसके अक्षुण्ण रहने से जीवाणु भीतर प्रवेश नहीं कर पाते। यह कला समस्त पाचनप्रणाली, मुख से लेकर मलद्वार तक को, आच्छादित किए हुए है। यही कला इसके भीतरी पृष्ठ को आच्छादित करती हुई ग्रंथिक उपकला का रूप ले लेती है और प्रणाली की भित्तियों में घुसकर पाचक रसोत्पादक ग्रंथिंयाँ बन जाती है। शरीर में जितनी भी प्रणालियाँ या नलिकाएँ हैं, जैसे श्वासनाल तथा प्रणालिकाएँ, रक्तवाहिनियाँ, रसवाहिनियाँ आदि, सब उपकला से आच्छादित हैं। इसकी कोशिकाएँ एक दूसरे के अत्यंत निकट रहती हैं।

इसके विशेष प्रकार ये हैं :

(1) शल्की उपकला, इस प्रकार के उत्तक पतली और चपटी होती है, इसके मध्य में चपटा केंन्द्रक पाया जाता है॥ जैसे- आहारनली,मुँह का अस्तर

(2) स्तंभाकार उपकला, जिसके कोषाणु स्तंभ के समान होते हैं। आमाशय तथा आंत्र का भीतरी पृष्ठ इसी उपकला से ढका हुआ है। स्तम्भकार उपकला में केन्द्रक तल पर स्थित जाता है

(3) ग्रंथिक उपकला, जो आंत्र की भित्तियों में रक्तग्रंथियों में रूपांतरित हो जाती है। यह स्तंभाकार कला का ही एक रूप है।

(4) रोमिकामय उपकला (एपिथिलियम ), जिसकी कोशिकाएँ स्तंभाकार उपकला के ही समान होती हैं, किंतु उनकी चपटे सिरे से, जो प्रणाली की ओर रहता है, सूक्ष्म बाल सरीखे तंतु निकले रहते हैं। ये क्रिया करे समय उसी प्रकार लहराते हैं, जैसे खेत में लगे गेहूँ या जौ की बातें वायुप्रवाह से लहराती हैं। इस क्रिया का प्रयोजन प्रणाली में प्रविष्ट पदार्थों को बाहर निकालना होता है। यह उपकला समस्त वसा प्रणाली को भीतर से आच्छादित किए हुए है।

(5) संवेदनिक उपकला का काम संवेदना को ले जाना है। यह भी स्तंभाकार उपकला का एक रूप है। भीतरी कर्ण, जिह्वा के स्वादकोष, तथा कहीं-कहीं चर्म में, इस उपकला के कोशिकासमूह मिलते हैं।