उपभोक्तावाद

फिलिप कोटलर के अनुसार , उपभोक्ताबाद बिक्ताओ के सम्बंध में केताओ के अधिकारो एवं शक्तियो को तक वितक

उपभोक्तावाद या उपभोगवाद (consumerism) एक प्रवृत्ति है जो इस विश्वास पर आधारित है कि अधिक उपभोग और अधिक वस्तुओं का स्वामी होने से अधिक सुख और खुशी मिलेगी। इस शब्द का प्रयोग प्राय: भोगवाद की आलोचना करने के लिये किया जाता है।

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