उपभोक्ता ऋण क्या है?

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उपभोक्ता ऋण को अंग्रेजी भाषा में कंज्यूमर लोन कहते हैं. बैंकिंग क्षेत्र में यह एक नया शब्द जुड़ गया है. बैंकिंग क्षेत्र में पहले इस शब्द का प्रचलन नहीं था. जैसे-जैसे बाजारवाद बढ़ा, लोगों की आवश्कताएं बढ़ने लगी. इसे देखते हुए बैंकों की ओर से उपभोक्ता ऋण की भी व्यवस्था की गयी. यह एक प्रकार का पर्सनल लोन है. पहले के समय में होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की ही व्यवस्था थी. इन सभी लोनों के बारे में हम सभी जानते हैं. लेकिन उपभोक्त ऋण के बारे में हम में से बहुत से लोग नहीं जानते हैं.इसलिए आज इसे बताने की जरूरत है. उपभोक्ता ऋण को घरेलू ऋण के नाम से भी जानते हैं. उपभोक्ता ऋण के तहत घरेलू सामान और उपकरणों की खरीद के लिए ऋण प्रदान किया जाता है.

उपभोक्ता ऋण की परिभाषा

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उपभोक्त ऋण[1] किसी वस्तु यानी घरेलू सामान खरीदने के लिए लिया जाने वाला एक प्रकार का ऋण है. यह ऋण पर्सनल लोन के तहत आता है. पर्सनल लोन की तरह ही इस लोन की शर्तें होती है. उपभोक्ता ऋण को किस्तों में भुगतान करने की सुविधा मिलती है. प्राय: सभी बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा यह ऋण प्रदान किया जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक[2] भी इसपर निगरानी करती है.

उपभोक्ता कानून

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उभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा कानून[3] भी बनाए गए हैं. समय-समय पर सरकार की ओर से इसमें संशोधन भी किए गए. बैंक या कोई अन्य वित्तिय संस्थान किसी उपभोक्ता के साथ छल कपट या धोखा नहीं दे सकता है. इसके लिए भारत सरकार की ओर से कानून में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है. उपभोक्ताओं के विवादों का निपटान करने की भी व्यवस्था है. भारत सरकार ने उपभोक्ताओं से जुड़े विवाद का सुलझाने के लिए उपभोक्ता अदालत[4] की व्यवस्था की है.

कौन सी वस्तु पर उपभोक्ता ऋण प्रदान किया जाता है?

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इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

फर्नीचर

रसोई सामान/रेफ्रिजरेटर

बर्तन

सजावटी सामान

मोबाइल फोन

उपभोक्त ऋण के लिए आवश्यक शर्त क्या है?

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  • भारत का नागरिक होना चाहिए
  • आवेदक की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष
  • पहचान पत्र होना चाहिए
  • आवास प्रमाण पत्र

उपभोक्ता ऋण के लाभ और हानि

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लाभ:

उपभोक्त ऋण के बहुत लाभ है. उपभोक्ता ऋण लेकर कोई भी नागरिक घरेलू सामान जैसे कि मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, पंखा, कूलर, कैमरा व अन्य सामान खरीद सकता है. वर्तमान में बैंकों के अलावा कई गैर बैंकिंग वित्तिय संस्थान और फाइनेंस कंपनियां हैं जो उपभोक्ता ऋण प्रदान करते हैं. उपभोक्ता ऋण पर्सनल लोन से भी आसानी से मिल जाता है.

कंज्यूमर लोन[5] के लिए अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर आपका सिबिल स्कोर कम भी है तो आपको कंज्यूमर लोन मिल जाता है. इसके तहत आपको नकद पैसा नहीं मिलता है बल्कि बैंक या फाइनेंस कंपनियां सीधे उत्पादक या सामान विक्रेता को धन प्रदान कर देता है. सामान विक्रेता आपको सामान प्रदान कर देता है. आप इस लोन को अपने हिसाब से किस्त बनवाकर चुका सकते हैं. उपभोक्ता ऋण प्राप्त करना बहुत ही आसान है.

इसके लिए उपभोक्ता ऋण शर्ते [6]भी कम होती हैं. उपभोक्ता लोन से कोई व्यक्ति अपने लो सिबिल स्कोर को इमप्रुव कर सकता है. कई लोगों के सिबिल स्कोर कई कारणों से खराब हो जाते हैं. ऐसे में कंज्यूमर लोन बड़ा ही मददगार साबित होता है. एक छोटे से कोई सामान जैसे कि मोबाइल खरीदकर आप इस लोन को चुकता कर दें. इससे आपका सिबिल स्कोर बढ जाएगा.

हानि:

उपभोक्ता ऋण के हानि भी हैं. उपभोक्ता ऋण का समय पर किस्तों में भुगतान करना पड़ता है. आय पर विपरीत असर पड़ता है. धन का बचत कम हो जाता है. मानसिक तनाव रहता है. समय पर ऋण नहीं चुकाने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है.

  1. "Consumer debt", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2023-10-19, अभिगमन तिथि 2024-03-01
  2. "भारतीय रिज़र्व बैंक - हमारे बारे में". www.rbi.org.in. अभिगमन तिथि 2024-03-01.
  3. govt, govt (24 december 1986). "उपभोक् ता संरक्षण अिधिनयम, 1986" (PDF). govt: 21 – वाया govt. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. "NATIONAL CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION". ncdrc.nic.in. अभिगमन तिथि 2024-03-01.
  5. "लोनकर्ज".
  6. "Consumer Durable Loan Terms and Conditions". www.federalbank.co.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-03-01.

बाहरी लिंक

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