उपयुक्त तकनीकी
उपयुक्त तकनीकी, समुचित तकनीक, माध्यमिक तकनीकी या सम्यक तकनीक (Appropriate technology) उस तकनीकी को कहते हैं जो उस परिवेश के पर्यावरण, संस्कृति और आर्थिक स्थिति के अनुकूल हो, जहाँ वह प्रयोग की जानी है। इस अर्थ में समुचित तकनीक के लिये कम संसाधनों की जरूरत पडती है; इसको अपनाने का खर्च कम आता है तथा इसका पर्यावरण पर दुष्प्रभाव कम होता है।
ब्रिटिश अर्थशास्त्री फ्रिट्ज सुमेकर उपयुक्त तकनीकी की अवधारणा के प्रणेता हैं। उनकी पुस्तक स्माल इज ब्यूटिफुल - इकनामिक्स ऐज इफ पीपल मैटर्ड में तकनीक और उसके दूरगामी प्रभावों पर गम्भीर विचार किया गया है।
उपयुक्त तकनीक के लक्षण
संपादित करें- अक्षय विकास का समर्थन करे,
- आर्थिक रूप से सस्ती व अपनाये जाने योग्य,
- विकासशील देशों एवं विकसित देशों के पिछडे इलाकों के लिये उपयुक्त,
- पूंजी की प्रधानता के बदले श्रम-प्रधान,
- स्थानीय लोगों द्वारा विकसित,
- स्थानीय माल का उपयोग,
- बाहरी विशेषज्ञों के न्यूनतम सहयोग से बनायी जा सके और उसकी मरम्मत और रखरखाव किया जा सके,
- इसके निर्माण और परिचालन में मानव व प्रकृति को जितना नुकसान हो उससे अधिक लाभ होना चाहिये
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करें- एप्रोपीडिया -- उपयुक्त प्रौद्योगिकी पर विशेष रूप से केन्द्रित एक विकि-जालस्थल
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ec3wd : Global Economy and the 3rd World - ९०० से अधिक व्यावहारिक कार्य
- The Village Earth - A non-profit organization dedicated to promoting sustainable, community-based development around the world.
- Appropedia
- Low-Tech Magzine
- प्रैक्टिकल ऐक्शन
- Appropriate Rural Technology Institute (ARTI) is an NGO based in Maharashtra
- Campus Center for Appropriate Technology
- How-to-pedia