उपरोधी वाल्व (throttle) वह यांत्रिक युक्ति है जिसकी सहायता से किसी तरल का प्रवाह कम या अधिक किया जाता है।

कार्ब्युरेटर का योजनामूलक चित्र :
(१) वायु का प्रवेश द्वार
(२) पतले छिद्र (नॉजिल) से निकलता ईधन (पेट्रोल)
(३) हवा
(४) फ्लोट
(५) पेट्रोल को बन्द करने वाला निडिल वाल्व
(६) नॉजिल
(७) उपरोधी वाल्व
पूर्णत: बन्द उपरोधी वाल्व (ऊपर) तथा पूर्णतः खुली उपरोधी वाल्व (नीचे)

इंजन में जाने वाली गैस की मात्रा पर नियन्त्रण करके इंजन की शक्ति को कम या ज्यादा किया जा सकता है।

अन्तर्दहन इंजन

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पेट्रोल से चलने वाले अन्तर्दहन इंजन के सिलिण्डर में प्रवेश करने वाले हवा की मात्रा को उपरोधी वाल्व के द्वारा नियंत्रित करके इंजन की शक्ति को नियंत्रित किया जाता है जिससे उसकी चाल घटायी-बढायी जाती है। हवा की मात्रा को नियंत्रित करने से प्रत्येक चक्र (साइकिल) में जलने वाली चार्ज (ईंधन + हवा का मिश्रण) की मात्रा नियंत्रित होती क्योंकि फ्युएल-इंजेक्टर या कार्ब्युरेटर ईंधन और हवा के अनुआत को लगभग नियत बनाये रखता है। मोटरगाड़ियों में जब चालक 'एक्सलेरेटर' या 'थ्रॉटिल पेडल' को दबाता है तो अन्ततः उससे उपरोधी वाल्व के माध्यम से इंजन की शक्ति नियंत्रित होती है।