आचार्य उमास्वामी,  कुन्दकुन्द स्वामी के प्रमुख शिष्य थे। वह मुख्य जैन ग्रन्थतत्त्वार्थ सूत्र के लेखक है।[1] वह दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों के द्वारा पूजे जाते हैं। वह दूसरी सदी के एक गणितज्ञ थे।

उमास्वामी

उमास्वामी आचार्यजी की प्रतिमा

उमास्वामी और उमास्वाती संपादित करें

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के उपाचार्य, डॉ सुदीप जैन के अनुसार उमास्वामी और उमास्वाति दो भिन्न व्यक्ति थे। [2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

संदर्भ सूची संपादित करें

  • डॉ सुदीप जैन (२००२), तत्त्वार्थसूत्र, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-80216-03-04 |isbn= के मान की जाँच करें: length (मदद)
  • जैन, विजय कुमार (२०११), आचार्य उमास्वामी तत्त्वार्थसूत्र, Vikalp Printers, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-903639-2-1, मूल से 11 अगस्त 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 9 दिसंबर 2015