उर्वशी बुटालिया
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उर्वशी बुटालिया | |
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उर्वशी बुटालिया 2011 में | |
जन्म |
1952 अंबाला, हरियाणा |
राष्ट्रीयता | भारती |
पेशा |
नारीवादी इतिहासकार सह-संस्थापक काली महिलाओं के लिए (1984), संस्थापक ज़ुबान पुस्तकें |
वेबसाइट www |
उर्वशी बुटालिया भारत की पहली फेमिनिस्ट पब्लिशिंग हाउस की संस्थापक हैं और लंबे समय से महिला अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। निर्भया कांड के बाद 2013 में इन्होंने महिला हिंसा और सुरक्षा को लेकर विभिन्न मंचों से सख्त तेवर दिखाए। सरकारी नीतियों की आलोचना की और महिलाओं के लिए नए क्राइसिस सेंटर समेत हेल्पलाइनों की स्थापना पर खास जोर दिया। दुनियाभर में प्रतिष्ठित मानी जाने वाली पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी’ ने वर्ष-2013 के 100 टॉप ग्लोबल थिंकर्स में उर्वशी को भी स्थान दिया है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ राष्ट्रीय सहारा (आधी दुनिया),25दिसंबर 2013, शीर्षक: निजी मेट्रो सेवा की पहली ऑपरेटर, पृष्ठ संख्या: 1
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