उषवदात
उषवदात पश्चिमी क्षत्रप शासक नहपान का दामाद था, जिसने पश्चिमी भारत पर शासन किया। इसे ऋषभदत्त के नाम से भी जाना जाता है।
उषवदात | |
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जन्म |
दूसरी शताब्दी ई०? पश्चिमी क्षत्रप |
देहांत | दूसरी शताब्दी? |
निष्ठा | पश्चिमी क्षत्रप |
सेवा वर्ष | द्वितीय शताब्दी |
नेतृत्व | Viceroy of southern Saka territories including Nasik, Karle & Junnar.[1][2] |
युद्ध/झड़पें | Saka-Malava War, Saka-Satavahana Wars |
सम्बंध |
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उषवदात का नाम उसके शिलालेखों में इसी रूप में आया है। यह शक नाम 'ऋषवदात' से व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ है "सही ढंग से सृजित"।[3]
शिलालेख
संपादित करेंउषवदात के बारे में अधिकांश जानकारी उनके नासिक और कार्ले शिलालेखों से मिलती है। नासिक शिलालेख में संस्कृत में उषवदात की स्तुति है, और फिर बौद्धों को एक गुफा दान में देने का उल्लेख है (यह मध्य इंडो-आर्यन भाषा में है)। कार्ले शिलालेख में इसी प्रकार की एक स्तुति है, लेकिन यह मध्य-इंडो-आर्यन भाषा में है।[4]
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंउषवदात किसी 'दिनिक' नामक व्यक्ति का पुत्र था।[5]नासिक शिलालेख में वह अपना परिचय एक शक के रूप में कराता है। वह ब्राह्मणधर्म का अनुयायी था और उसने नहपान की बेटी दक्षमित्र से विवाह किया था।[6]
नासिक पांडवलेनी गुफाएँ, गुफा संख्या 10
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यह भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Catalogue of Indian coins of the British Museum. Andhras etc." Rapson. p. LVII
- ↑ Tripathi, Rama Shankar (1942). History of Ancient India (अंग्रेज़ी में). Motilal Banarsidass. पृ॰ 216. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120800182.
- ↑ Harmatta, János (1999). "Languages and scripts in Graeco-Bactria and the Saka Kingdoms". प्रकाशित Harmatta, János; Puri, B. N.; Etemadi, G. F. (संपा॰). History of civilizations of Central Asia. 2. Delhi: Motilal Banarsidass Publishing House. पृ॰ 413. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8-120-81408-0.
- ↑ Andrew Ollett 2017, पृ॰ 39.
- ↑ Andrew Ollett 2017, पृ॰ 40.
- ↑ N. B. Divatia 1993, पृ॰ 42.