उषस्
उषस् (उषा) एक वैदिक देवी हैं। संस्कृत में, उषस् का मतलब "उदय" है।[1] ऋग्वेद में, वह एक युवा स्त्री है जो स्वर्णिम रथ से आकाशमार्ग पर यात्रा करती है। वे भोर की देवी हैं।
उषा को ऋग्वेद में एक शक्तिशाली देवी के रूप में माना जाता है और उनके महत्त्व का उल्लेख कई अन्य पवित्र ग्रंथों में भी किया गया है। इसमें देवी शक्ति की शक्तियां भी शामिल हैं। उन्हें अन्य वैदिक देवताओं जैसे इन्द्र, वरुण, अग्नि, सूर्य और सोम के समकक्ष माना जाता है। आकाश में उषा देवी कई पवित्र गायों द्वारा खिंचे जा रहे सुनहरे रथ में सवारी करती हैं और एक आश्चर्यजनक और अद्भुत उपस्थिति के साथ बहुत सुंदर दिखती हैं। उनकी बहन, रात की देवी, निधि देवी है। उषा आकाश के पिता पवित्र द्यौस की दिव्य बेटी है।
महर्षि अरबिन्द द्वारा उषा देवी की प्रशंसा की गई है। उत्तर भारत एवं नेपाल में छठ पूजा के त्योहार के दौरान उनकी पूजा की जाती है। उनकी पूजा और प्रार्थना शक्ति देवी के रूप में भोर के समय की जा सकती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Apte, Vaman Shivram (1965), The Practical Sanskrit Dictionary (4th ed.), New Delhi: Motilal Banarsidass, ISBN 81-208-0567-4, p. 304.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- वैदिक देवी माता उषा Archived 2021-10-26 at the वेबैक मशीन
- आचार्य यास्क की दृष्टि में वैदिक उषा का स्वरूप[मृत कड़ियाँ] (ज्ञानवाक्)