उस्ताद अहमद लाहौरी
उस्ताद अहमद लाहौरी, ताजमहल के प्रधान वास्तुकार होने के अधिकारी हैं। [1][2][3] शाहजहाँ के दरबार का इतिहास उसकी निर्माण में वैयक्तिक रुचि दर्शाती है। यह सत्य भी है, कि किसी अन्य मुगल बादशाह की तुलना में उसने सर्वाधिक उत्साह दिखाया निर्माण में। वह अपने वास्तुकारों से नियमित बैठक रखता था। उसके वृत्तांतकार लाहौरी लिखते हैं, कि उसने सदा ही प्रतिभावान वास्तुकारों द्वारा बनाई गईं इमारतों के रूपांकनों में कोई उचित परिवर्तन दिखाया, एवं बुद्धिमत के प्रश्न भी पूछे। "[4] दो वास्तुकार जो कि नाम से उल्लेखित किये जाते हैं, वे हैं उस्ताद अहमद लाहौरी[1][3] एवं मीर अब्दुल करीम लाहौरी के पुत्र लुत्फुल्लाह मुहन्दीस के लेखानुसार।[2] उस्ताद अहमद लाहौरी ने ही दिल्ली के लाल किले की नींव रखी थी। मीर अब्दुल करीम पूर्व बादशाह जहाँगीर का प्रिय वास्तुकार रहा था, जिसे मक्रामत खाँ के साथ, पर्यवेक्षक नियुक्त किया हुआ था।[h][2] ताजमहल के निर्माण हेतु।[5]
दृष्टांत
संपादित करें- ↑ अ आ "युनेस्को advisory body evaluation" (PDF). मूल से 19 जून 2009 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2008.
- ↑ अ आ इ Asher, p.212
- ↑ अ आ Begley and Desai, p.65 सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "B65" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ Koch, p.89
- ↑ Dunkeld, Malcolm (Ed) (2007). "Construction history society newsletter" (PDF) (अंग्रेज़ी में). Chartered Institute of Building. मूल (PDF) से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-07-23. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)
सन्दर्भ
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