महर्षि ऋचिक भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी के पिता के पिता थे अर्थात् परशुराम जी इनके पौत्र थे। भगवान शिव और भगवान विष्णु का प्रयलंकारी युद्ध होने के बाद भगवान शिव ने अपना पिनाक धनुष राजा देवरथ को दे दिया था जो माता सीता के पिता राजा जनक के पूर्वज थे। भगवान विष्णु ने अपना सारंग धनुष इन्हीं महर्षि ऋचिक के पौत्र , महर्षि जमदग्नि देवी रेणुका के पुत्र भगवान विष्णु के अवतार परशुराम धारण किया था। बाद में परशुराम जी ने इसे महाराज दशरथ और देवी कौशल्या के पुत्र , महाराज अज के पौत्र श्रीराम को दे दिया था।