रसायन विज्ञान के सन्दर्भ में एकल-आबन्ध (single bond) दो परमाणुओं के बीच एक रासायनिक आबन्ध है जिसमें दो संयोजी इलेक्ट्रॉन भाग लेते हैं। दूसरे शब्दों में, जहाँ यह आबन्ध बनता है वहाँ दोनों परमाणु एक जोड़ी इलेक्त्रॉनों को साझा करते हैं।[1] अतः एकल-आबन्ध एक प्रकार का सहसंयोजी आबन्ध है। यहाँ 'साझा करने' से मतलब है कि दोनों इलेक्ट्रॉनों में से कोई भी इलेक्ट्रॉन उस मूल कक्षक के 'पूर्ण स्वामित्व' में नहीं होता जहाँ से यह उत्पन्न हुआ था। बन्धन की प्रक्रिया में दोनों कक्षक एक-दूसरे के साथ मिलकर (overlap करके) एक सम्मिलित कक्षक का निर्माण करते हैं जिसमें दोनों ही इलेक्ट्रॉन समय व्यतीत करते हैं। लुई संरचना (Lewis structure) के रूप में एकल-आबन्ध को AːA या A-A द्वारा निरूपित किया जाता है, जिसमें A एक तत्व को निरुपित करता है (मूर, स्टानित्स्की और जुर्स 329)। जो पहला वाला निरूपण है, उसमें बिन्दु (dot) साझा किए गए एक इलेक्ट्रॉन को निरूपित करता है। दूसरे वाले निरूपण में एक ही छोटी रेखा (bar) साझा किए गए दोनों इलेक्टॉनों को निरूपित करती है।

Lewis structure for molecular hydrogen.
Lewis structure for molecular hydrogen. Note depiction of the single bond.
Lewis structure for methane.
Lewis structure for methane. Note depiction of the four single bonds between the carbon and hydrogen atoms.
Lewis structure for an alkane.
Lewis structure for an alkane. Note that all the bonds are single covalent bonds.
  1. "covalent bonding - single bonds". Chemguide.co.uk. अभिगमन तिथि 2012-08-12.

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