एकांत के सौ वर्ष (स्पेनी: Cien años de soledad, सियेन अन्योस दे सोलेदाद) गेब्रियल गार्सिया मार्क़ेज़ द्वारा लिखित एक उपन्यास है जो एक काल्पनिक बुएन्दीआ (Buendía) नामक परिवार की कई पीढ़ियों की दास्तान है। कहानी का घटनास्थल दक्षिण अमेरिका के कोलम्बिया देश में ओरिनोको नदी के किनारे स्थित माकोन्दो (Macondo) नाम का शहर है जिसे बुएन्दीआ परिवार का पितामह, जोज़ आर्कादियो बुएन्दीआ (Jose Arcadio Buendía) स्थापित करता है। यह उपन्यास सन् १९६७ में छपा था और मार्ख़ेस की सबसे श्रेष्ठ रचना मानी जाती है। इसकी २ करोड़ से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं और ३७ भाषाओँ में अनुवाद किया जा चुका है।[1] इस उपन्यास में जादुई यथार्थवाद शैली का प्रयोग किया गया है, जिसने अपने प्रकाशन के पश्चात लातिन अमेरिकी साहित्य की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। एक ओर तो कहानी बिलकुल सत्य लगने वाली घटनाओं पर आधारित है लेकिन बीच-बीच में जादुई घटनाएं भी घटती रहती हैं। यह सत्य और जादू का मिश्रण १९६० और १९७० के दशकों में दक्षिण अमेरिका से आने वाले बहुत से उपन्यासों में देखा गया था।[2]

हंगरी में "एकान् त के सौ वर्ष" की एक नाटकीय प्रस्तुति में अभिनेत्री दानिस लीदिया
एकांत के सौ वर्ष  
लेखक गैब्रियल गार्सिया मार्क़ेज़
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय उपन्यास
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन
पृष्ठ ३७६
आई॰एस॰बी॰एन॰ 81 276 0752 6

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bell-Villada, Gene H. (2002). Gabriel García Márquez's One Hundred Years of Solitude: A Casebook. Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0195144554.
  2. "One hundred years at forty ("सौ साल" चालीस साल की उम्र पर)". मूल से 29 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जुलाई 2011.

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