एक हसीना थी (2003 फ़िल्म)
हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र
एक हसीना थी 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
एक हसीना थी | |
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चित्र:एक-हसीना-थी.jpg | |
निर्देशक | श्रीराम राघवन |
निर्माता | राम गोपाल वर्मा |
लेखक |
श्रीराम राघवन पूजा लाधा सूर्ती |
अभिनेता |
उर्मिला मातोंडकर सैफ़ अली ख़ान सीमा बिस्वास |
प्रदर्शन तिथि(याँ) |
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समय सीमा | 120 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | ₹ 80,000,000 |
संक्षेपसंपादित करें
सरिता वार्तक उर्मिला मातोंडकर, एक साधारण ट्रैवल एजेंट एक नौजवान व्यवसायी करन राठौड़ सैफ़ अली ख़ान से मिलती है और उसे उससे प्यार हो जाता है। एक दिन करन का एक दोस्त उसे एक बैग संभाल कर रखने के लिये देता है। बाद में पुलिस सरिता के घर धावा बोलती हौ और उस बैग से अवैध हथियार बरोमद करती है। करन का वकील कमलेश माथुर आदित्य श्रीवास्तव सरिता को फुसलाकर इस अपराध में शामिल होने की बात मनवा लेता है। इसके तहत सरिता को ७ साल की सजा हो जाती है। सरिता को अपनी गलती का अहसास होता है पर तब तक काफी देर हो चुकी थी। जेल में एक साथी प्रमिला प्रमिला काज़मी की मदद से वह जेल से बाहर निकलती है और करन के साथ बदला लेने के खतरनाक खेल को शुरु करती है।
चरित्रसंपादित करें
मुख्य कलाकारसंपादित करें
- उर्मिला मातोंडकर - सरिता वार्तक
- सैफ़ अली ख़ान - करन राठौड़
- सीमा बिस्वास - ए सी पी माल्ती वैद्य
- आदित्य श्रीवास्तव - कमलेश माथुर
- प्रमिला काज़मी - प्रमिला