जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी

जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स के कम प्रचालन का राज्य है जहां उच्च जोखिम वाले समूहों के बीच एचआइवी संक्रमण की दर 0.3% है और के कम जोखिम-वाले समूहों के बीच प्रचालन 0.04% है। 799 पूर्ण विकसित एड्स के मामलों को अब तक पंजीकृत किया गया है जिनमें से 133 एड्स-पीड़ितों की मौत हो चुकी है। 35 बच्चों सहित 518 एड्स रोगी राज्य में कार्यरत जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी के दो एआरटी केन्द्रों में मुफ्त एंटी रेट्रोवायरल उपचार (एआरटी) प्राप्त कर रहे हैं। कम प्रसार राज्य होने के नाते, जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी का मिशन हर नागरिक के लिए पौष्टिक एड्स जागरूकता का प्रसार करना है।[1]

जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी के जन-संपर्क कार्यक्रम संपादित करें

जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी (JKSACS) के चिकित्सा विभाग से फरवरी 2012 में एचआइवी / एड्स साथ रहने वाले लोगों के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के परिचय से शुरू हुआ। इंटरएक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया था जिसमें पीड़ित तथा जिज्ञासा रखनेवाले व्यक्ति अपने मुद्दे उठा रहे थे, कुछ लोगों ने शिकायतें भी कीं जो सरकारी चिकित्सा केन्द्रों में सुविधाओं के आभास से संदर्भित थीं।[2]

जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी के कर्मचारियों का असंतोष संपादित करें

जम्मू और कश्मीर राज्य एड्स की रोकथाम और नियंत्रण सोसाइटी के अधिकतर कर्मचारी अस्थाई हैं और बहुत कम वेतन पर काम करते हैं। उन्हें राज्य अथवा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को प्राप्त सुविधाएँ उपलभ्द नहीं हैं जिसके लिए वह समय-समय पर हड़ताल भी कर चुके हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "J&K State Aids Prevention and Control Society". J&K State Aids Prevention and Control Society. मूल से 1 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2012.
  2. "JKSACS discusses issues faced by HIV/AIDS affected". STATE TIMES. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2012.[मृत कड़ियाँ]